टैली क्यों?
टैली भारत में फाइनेंसियल मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर का पर्यायवाची बन गया है | यह सॉफ्टवेयर देश के लगभग हरेक व्यापर में प्रयुक्त होता है | टैली सभी खाता बही (ledger), वाउचर प्रविष्ठियों को (voucher entry) करता है और चालान (challan) आदि तैयार करता है |
टैली का प्रयोग निम्नलखित लोगों द्वारा विषेश रूप से किया जाता है -
- मालिक / Owners
- बैंक / Banks
- ऋणदाता / Lenders
- ग्राहक / Customers
- आपूर्तिकर्ता / Suppliers of equipments, buildings and other assets
- कर्मचारी / Employees
टैली क्या है?
Tally.ERP 9 को टैली सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड ने बनाया है |
टैली सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड एक बेंगलुरु में स्थित कंपनी है | यह भारत में सबसे ज्यादा मान्यता प्राप्त वित्तीय सॉफ्टवेयर | यह वर्तमान में ब्रिटेन, बांग्लादेश और मध्य पूर्व सहित 100 से अधिक देशों में बेचा जाता है | टैली के सॉफ्टवेयर मुख्य रूप से वाउचर (Voucher), वित्तीय वक्तव्यों (Financial Statements), और कई उद्योगों में कराधान (Taxation) के लिए प्रयोग किया जाता है. यह सॉफ्टवेयर खुदरा कारोबार के लिए विशेष उपयोगी है. उन्नत क्षमताओं के कारण इसकी उपयोगिता एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग पैकेज में भी पाया जाता हैं |
प्रौद्योगिकी
टैली सॉफ्टवेयर एक एस डीके आवरण (SDK wrapper) के साथ एक कोर मालिकाना इंजन (core proprietary engine) के साथ विकसित किया है | टैली की सहभागिता प्रपत्र और रिपोर्ट्स के अधिकांश टैली परिभाषा भाषा ( TDL ) का उपयोग कर विकसित कर रहे हैं | टैली अनुप्रयोग का अनुकूलन TDL एस डीके का उपयोग किया जा सकता है |
- Tally.ERP 9
- Tally.Developer 9
- Shoper 9
- Tally.Server 9
नेतृत्व
एस एस गोयनका टैली सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक अध्यक्ष थे | भारत गोयनका सह संस्थापक एवं टैली सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक है इनको नैस्कॉम द्वारा लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया, और CellIT, एक आईटी चैनल पत्रिका द्वारा, एक लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार दिया गया है|
लेखा के स्वर्ण नियम (Golden Rule of Accountancy)
हर लेन - देन दो खातों को प्रभाववत करता है | इसलिए इसे दोहरी प्रविष्टि प्रणाली बहीखाता कहा जाता है
लेखा के स्वर्ण नियम (Golden Rule of Accountancy)
पर्सनल A/C
- डेबिट - प्राप्तकताा (पाने वाले) को (Debit The Receiver)
- क्रेडिट - दाता (देने वाले) को (Credit The Giver)
- डेबबट - जो आता है (Debit What Comes In)
- क्रेडिट - जो जाता है (Credit What Goes Out)
नॉमिनल A/C
- डेबिट - खर्चा और हानि (Debit All Expenses And Losses)
- क्रेडिट- मुनाफा और लाभ (Credit All Income And Gains)
उदाहरण के लिए मान लीजिये :
- अप्रैल 1 .
- शिवम 50,000 रुपये से व्यापर प्रारंभ करता है.
- अप्रैल 2 .
- 10,000 रुपये बैंक में जमा करता है.
- अप्रैल 3 .
- 20,000 रुपये का सामान खरीदता है.
- अप्रैल 4.
- 1,500 रुपये का सामान बेचता है.
- अप्रैल 5.
- 1,000 रुपये मकान मालिक को रेन्ट देता है.
- अप्रैल 10.
- 50 रुपये बैंक ब्याज समलता है.
- अप्रैल 1 .
- शिवम् 50,000 रुपये से व्यापर प्रारंभ करता है |
- Capital A/c - Capital A/c (Personal A/c) के अंतर्गत आता है
- (Capital A/c मालिक का अकाउंट होता है)|
- Cash A/C - Cash in Hand (Real A/C) के अंतर्गत आता है |
इसलिए,
Capital A/C - Cr.---------------------- 50,000
Cash A/C - Dr.----------- 50,000
- अप्रैल 2 .
- 10,000 रुपये बैंक में जमा करता है|
- Bank A/C - Bank A/c (Personal A/C) के अंतगात आता है|
- Cash A/C - Cash in Hand (Real A/C) के अंतगात आता है|
Bank A/C - Dr.---------- 10,000
Cash A/C - Cr.---------------------- 10,000
- अप्रैल 3 .
- 20,000 रुपये का सामान खरीदता है|
- Purchase A/C - Purchase A/c (Real A/C) के अंतर्गत आता है |
- Cash A/C - Cash in Hand (Real A/C) के अंतगात आता है |
इसलिए,
Purchase A/C - Dr.--------- 20,000
Cash A/C - Cr------------------ 20,000
- अप्रैल 4.
- 1,500 रुपये का सामान बेचता है |
- Cash A/C - Cash in Hand (Real A/C) के अंतर्गत आता है|
- Sales A/C - Sales A/c (Real A/C) के अंतर्गत आता है
इसलिए,
Cash A/C - Dr.----------- 1,500
Sales A/C - Cr.---------------------- 1,500
- अप्रैल 5.
- 1,000 रुपये मकान मालिक को किराया देता है|
- Cash A/C - Cash in Hand (Real A/C) के अंतर्गत आता है|
- Rent A/C - Indirect Expence (Nominal A/C) के अंतर्गत आता है|
Rent A/C - Dr.----------- 1,000
Cash A/C - Cr.---------------------- 1,000
- अप्रैल 10.
- 50 रुपये बैंक ब्याज मिलता है|
- Cash A/C - Cash in Hand (Real A/C) के अंतर्गत आता है|
- Interest A/C - Indirect Income (Nominal A/C) के अंतर्गत आता है|
Cash A/C - Dr.----------- 1,000
Interest A/C - Cr.---------------------- 1,000
(Basics of Accounting) लेखा की मूल बातें -
मुल रूप से तीन प्रकार के खातों का उपयोग लेनदेन के लिए किया जाता है |
1. व्यक्तिगत खाता (Personal Accounts)
2. वास्तविक खाता (Real Accounts)
3. आय - व्यय खाता (Nominal Accounts)
1. व्यक्तिगत खाता (Personal Accounts)
यह खाता व्यक्ति या निजी खातों से सम्बंधित है | उदाहरण के लिए -
• बैंक (Bank)
• आपूर्तिकर्ता (Suppliers)
• ग्राहक (Customers)
• लेनदारों (Creditors)
• फर्म (Firm)
• पूंजी (Capital)
वास्तविक खाता व्यापार के स्वमित्व और संपत्ति से सम्बंधित लेखा हैं | वास्तविक खाते मूर्त और अमूर्त खातों में शामिल हैं. उदाहरण के लिए-
• भूमि (Land)
• भवन (Building)
• नकद (Cash)
• खरीद (Purchase)
• विक्री (Sale)
• फनीचर (Furniture)
• स्टॉक (Stock)
• पेटेंट (Patent)
• गुडविल (Goodwill)
3. आय - व्यय खाता (Nominal Accounts)
आय - व्यय खाता - आय, खर्चा, लाभ और नुकसान से सम्बंधित है | उदाहरण के लिए -
• वेतन (Salary)
• कमीशन (Commission)
• रेंट (Rent)
• प्रकाश (Electricity)
• बीमा (Insurance)
• आय (Income)
• व्यय (Expenditure)
• लाभांश खाता (Dividend)
Accounting (लेखा) को मोटे तौर पर निम्नलिखित चार समूहों में
वर्गीकृत किया जा सकता है -
1. संपत्ति (Assets)
2. देयताएं (Liabilities)
3. आय (Income)
4. व्यय (Expenditure)